Saturday 27 February 2016
बालों का गिरना, सफेद होना, रूसी और गंजेपन से बचाव
सूखे और पतले बाल जल्दी ही झड़ने लगते हैं । अधिक्तर इसका कारण विटमिन्स की कमी होती है । विटमिन बी की कमी से बाल असमय सफेद होने लगते हैं । इससे बचने के लिये सलाद और फलों का भरपूर सेवन करना चाहिये और ड्राई फ्रूट्स को भी नाश्ते में शामिल करना चाहिये ।
एलोवेरा- एक संजीवनी बूटी
एलोवेरा भारत में ग्वारपाठा या घृतकुमारी हरी सब्जी के नाम से प्राचीनकाल से जाना जाने वाला काँटेदार पत्तियों वाला पौधा है, जिसमें रोग निवारण के गुण कूट-कूट कर भरे पड़े हैं। आयुर्वेद में इसे घृतकुमारी की 'उपाधि' मिली हुई है तथा महाराजा का स्थान दिया गया है। औषधि की दुनिया में इसे संजीवनी भी कहा जाता है। इसकी 200 जातियाँ होती हैं, परंतु प्रथम 5 ही मानव शरीर के लिए उपयोगी हैं।
एलो मात्र एक पौधा नहीं है, मानो कुदरत ने मानव शरीर के कल्याण के लिए विशेष तौर पर इसे धरती पर लाया हो | जितने गुण एलो वेरा में है ,शायद ही किसी और जड़ी-बूटी में एक साथ पाए जाते है | इसलिए इसे औषधियों का महाराजा माना गया है | कई नाम से इसे लोग पुकारते है , कुछ लोग इसे संजीवनी बूटी तो कुछ लोग इसे साइलेंट हीलर, चमत्कारी औषधि आदि भी कहते है |
एलोवेरा का 5000 साल पुराना इतिहास है | पुराने समय में लोग इससे औषधि के रूप में इस्तेमाल करते आ रहे है | पवित्र ग्रन्थ रामायण, बाइबल और वेदों में भी इस पौधे की उपयोगिता के बारे में चर्चा की गई है | मिस्त्र की महारानी क्लीवपेट्रा से लेकर महात्मा गाँधी तक इसका इस्तेमाल करके फायदा उठा चुके है | वर्तमान में एलो वेरा का उपयोग अनेक प्रकार के आयुर्वेदिक औषधीय में बहुतायत से हो रहा है | कोई भी वैद्य,चिकित्सक, व हाकिम इनके गुणों को नकार नहीं सकता | इसे कई नाम से जाना जाता है , जैसे हिंदी में ग्वारपाठा, क्वारगंदल,घृतकुमारी, कुमारी या फिर घी-ग्वार भी कहते है |
इसकी बारना डेंसीस नाम की जाति प्रथम स्थान पर है। इसमें 18 धातु, 15 एमीनो एसिड और 12 विटामिन मौजूद होते हैं। इसकी तासीर गर्म होती हैं। यह खून की कमी को दूर करता है तथा शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह खाने में बहुत पौष्टिक होता है। इसे त्वचा पर लगाना भी उतना ही लाभप्रद होता है। इसकी काँटेदार पत्तियों को छीलकर एवं काटकर रस निकाला जाता है। 3-4 चम्मच रस सुबह खाली पेट लेने से दिन-भर शरीर में शक्ति व चुस्ती-स्फूर्ति बनी रहती है।
जलने पर, अंग कहीं से कटने पर, अंदरूनी चोटों पर एलोविरा अपने एंटी बैक्टेरिया और एंटी फंगल गुण के कारण घाव को जल्दी भरता है। यह रक्त में शर्करा के स्तर को बनाए रखता है। बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग, पेट की खराबी, जोड़ों का दर्द, त्वचा की खराबी, मुँहासे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्वचा, झुर्रियों, चेहरे के दाग-धब्बों, आँखों के काले घेरों, फटी एडियों के लिए यह लाभप्रद है। इसका गूदा या जैल निकालकर बालों की जड़ों में लगाना चाहिए। बाल काले, घने-लंबे एवं मजबूत होंगे।
इस पौधे की विशेषता यह है की पत्ते को तोड़ने के ठीक तीन घंटे के अन्दर उपयोग कर लेना चाहिए नहीं तो उनमे विद्यमान औषधि + पौष्टिकता के गुण धीरे-धीरे नष्ट हो जाते है | ऍफ़.एल.पी में वैज्ञानिकों की शोध करके इस पौधे के जूस को कुछ जड़ी-बूटी की मदद से इसके जीवन को दो- तिन घंटे से बढाकर चार साल के लिए सुरक्षित कर दिया है |
एलोवेरा जूस कैसे काम करता है ?
एलोवेरा जेल कम से कम 90 -से 120 दिनों के नियमित सेवन से असाध्य कहे जाने वाली बीमारियाँ में लाभ पा सकते है - जैसे Arthritis, Asthma, Diabeties,Heart Problem, High/Low Blood Pressure,Gastric Problem, Constipation, Obesity, Ulcer, Lack of Energy, Thyroid, Kidney Problem, Back Pains, Survical Problem, Parkinson, Colitis, Amoebas, Stress, Tension, Depression, Cholestrol, Pimples, Ladies Problem during pregnancy, Plus all A to Z Problems और तो और Cancer जैसी खतरनाक बीमारी में भी एलो जेल राहत देती है यानि इसके नियमित सेवन से आप हमेशा के लिए तंदुरुस्त रख सकते है
आप हैरान होंगे की एक एलोवेरा से करीब 220 प्रकार के बीमारियाँ कैसे ठीक हो जाती है ? इससे पहले हम यह जान ले की हमें बीमारियाँ होती क्यों है ? दरअसल हमें जीवित रहने के लिए हवा, पानी और भोजन की आवश्यकत होती है, पहले के समय इसी के सहारे लोग सैकड़ों वर्षों तक जीवित रहता था क्योंकि पहले वातावरण स्वच्छ था लेकिन आज के वातावरण को देखे तो यह तीनो ही चीजें हमें अशुद्ध मिल रही है |
दूसरा आज का खान-पान,हमारी जीवन शैली ,आधुनिकता की दौड़ में इतनी बदल चुकी है की हमें अपने लिए ही वक्त नहीं होता |आज समोसा, पिज्जा ,बर्गर,पेप्सी,चाउमीन मतलब फास्ट फ़ूड हमारे आहार में शामिल हो चूका है तथा नियमित व्यायाम करने का समय भी नहीं बचा है तो यही सब कारण मिलकर मनुष्य को अस्वस्थता की ओर ले जाते है |
इसका दूसरा सबसे बढ़िया उपयोग का तरीका है इसकी सब्जी बनाकर खाना | एलोवेरा की सब्जी बनाने का तरीका निम्न है -
1- सबसे पहले एलोवेरा के पत्ते तोड़कर उन्हें साफ़ पानी से धो लें |
2- उसके बाद इन पत्तों को छीलकर इनका गुदा निकल लें व गुदे के टुकड़े काट लें | ध्यान रहें गुदा के टुकड़े काटने के बाद धोयें नहीं |
3- अब कड़ाही में इतना तेल डालकर गर्म करें जितने तेल में आपका एलोवेरा गुदा के टुकड़े तले जा सकें , तेल गर्म होते ही उसमे थोडा जीरा डालकर भुन लें |
4- उसके बाद एलोवेरा का कटा गुदा गर्म तेल में डाल दें व इसे फ्राई करना शुरू कर दें ,आप चाहें तो प्याज भी इसी के साथ फ्राई कर सकते है |
5-एलोवेरा को फ्राई करते समय ही उसमे आवश्यकतानुसार व एलोवेरा की मात्रानुसार मसाले यथा-मिर्च,धनिया,हल्दी,नमक आदि भी डाल दें व पकाते रहे , ध्यान रहे इस सब्जी में पानी बिल्कुल ना डालें | हाँ मसाले डालने से पहले देख लें कि एलोवेरा की जैली पानी की तरह हो गयी हों | जैली के पानी की तरह होने के समय उसका चिपचिपापन ख़त्म हो जाता है |
6 - सब्जी पकने से कुछ पहले लहसुन पीस कर डाल ले और थोडा पकाकर उतार ले | आपकी स्वास्थ्य वर्धक व स्वादिष्ट सब्जी तैयार है |
Friday 26 February 2016
दांत, मसूढ़ों और मुंह की दिक्कतों का घरेलु इलाज
१- दांत और मसूढ़ों को स्वस्थ रखने के लिये हल्दी को जला कर उसका चूरन बना लें । उसमें थोड़ा नमक मिला कर दांत साफ करने से दांत और मसूढ़े स्वस्थ रहेंगे और उनसे दुर्गन्ध भी नहीं आयेगी ।
२- दांत में अगर घाव हो गया हो और खून आता हो तब चंदन के तेल की कुछ बूंद चाय,कॉफी या दूध के साथ 10 दिन तक पीयें राहत मिलेगी।
३- दांत और मसूढ़ों का दर्द दूर करने के लिये दस ग्राम फिटकरी का चूर्ण में एक चम्मच शहद मिला कर उसका पेस्ट बना लें फिर इस पेस्ट से दांत और मसूढ़ों की हल्के से मालिश करें ।
4- संतरा खाने और उसका छिलका दांत पर रगड़ने से पायरिया रोग दूर होता है ।
5- सिरके के अधिक इस्तेमाल मुंह, दांत और पाचन अंगों को नुक्सान पहुंचाता है ।
6- कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन भी हड्डियों और दांतों को अत्यधिक नुकसान पहुंचाता है ।
7- कच्चे प्याज को सलाद में अधिक से अधिक इस्तेमाल करिये । इससे दांत साफ और मजबूत बने रहते हैं ।
8- दांत में इनफेक्शन होने पर 4 दाना काली मिर्च और कुछ पत्तियॉं तुलसीजी की लेकर उन्हें पीस लें और जिस दांत में दर्द या इनफेक्शन हो वहॉं पर लगायें ।
9- भोजन के बाद खास तौर पर रात्रि के भोजन के बाद दांत साफ करना न भूलें । इससे दांतों की आयु बढ़ती है और वो बुढ़ापे तक साथ देते हैं।
10- दांत खोखले हो गये हों और दर्द कर रहे हों तब जरा सी हींग,सैंधा नमक और अदरक को आपस में मिला लें और खोखले दांत को उससे भरने पर आराम मिलेगा ।
11- बरगद के दूध का भी दांत के दर्द में इस्तमाल किया जा सकता है । दूध को दर्द वाले दांत पर लगाना चायिये
12- एक गिलास पानी में पांच -छह बूंद डिटॉल मिला लें, उसके साथ उसमें कुछ लौंग पीस कर मिला लें। इस पानी से कुल्ला करने से भी दांत दर्द में राहत मिलती है ।
13- दांतदर्द में माउथवाश से कुल्ला करने से भी कुछ देर के लिये दांतों की पीड़ा दूर हो जाती है ।
14- नीम की दातून का प्रयोग भी दांत और मसूढ़ों को स्वस्थ रखता है और मुंह में किसी भी प्रकार के इनफेक्शन को नहीं होने देता है ।
15- दांतों का पीलापन दूर करने के लिये, पायरिया दूर करने के लिये और मुंह के इनफेक्शन को दूर करने के लिये आप घर में मंजन भी बना सकते हैं । 100 ग्राम हल्दी, 100ग्राम समुद्रफेन और 100 ग्राम तेजबल (यह कालीमिर्च की तरह होता है पर इसके पूंछ होती है) तीनों को पीस कर मिला लें । इस मंजन से सुबह शाम दांत मांजने से दांत, मसूढ़ों और मुंह की बहुत सी तकलीफें दूर हो जाती हैं ।
पथरी के कारगर उपाय
अक्सर पथरी गुर्दे, यूरीन ब्लेडर एवं पित्ताशय (गाल ब्लेडर) में बनती हैं
गाल ब्लेडर में से पथरी निकाली जाना बहुत टेढ़ा काम है इसलिए गाल ब्लेडर ही निकाल बहार किया जाता है.
पथरी एक से ज्यादा भी हो सकती हैं.
एक बार पथरी बनाना शुरू हो जाये तो शरीर कई कई बार इस रोग से व्याधिग्रस्त हो सकता है.
हमें सावधानी रखनी होती है कि दोबारा पथरी ना बने.
पथरी सामान्यतया दो प्रकार की होती हैं
१. कैल्सियम कार्बोनेट की
२. लौह तत्व की.
दुनिया में लाखों ऐसे मरीज है जो गुर्दे की पथरी से परेशान है। यह रोग पीड़ा देने के साथ साथ और भी अनेक तकलीफ पैदा करता है।
जब नमक एवं अन्य खनिज (जो आपके मूत्र में मौजूद होते हैं) वे एक दूसरे के संपर्क में आते है तो पथरी का निर्माण होने लगता है जो गुर्दे की पथरी के रूप में जाना जाता है।
गुर्दे की पथरी का आकार अलग अलग हो सकता है; कुछ पथरी रेत के दानों की तरह बहुत हीं छोटे आकार के होते हैं तो कुछ बहुत हीं बड़े। आमतौर पर छोटे मोटे पथरी मूत्र के जरिये शरीर के बाहर निकल जाया करते हैं लेकिन जो पथरी आकार में बड़े होते हैं वे मूत्र निष्काशन के समय बाहर नहीं निकल पाते एवं मूत्र के बाहर निकलने में बहुत ही बाधा डालते हैं जिससे बहुत हीं पीड़ा उत्पन्न होती है।
गुर्दे की पथरी होने के कुछ सामान्य लक्षण
जब गुर्दे की पथरी मूत्रवाहिनी में घुमती है या इधर से उधर होती है तब बहुत हीं पीड़ा देती है। यदि आपको मूत्र विसर्जन के समय अक्सर पीड़ा का एहसास होता हो तो यह गुर्दे की पथरी का एक लक्षण हो सकता है। पीड़ा के अलावा मूत्र विसर्जन के वक़्त पेशाब में जलन हो तो यह काफी हद तक इस बात का संकेत देता है कि आपको गुर्दे की पथरी की समस्या है। लेकिन पेशाब में जलन कई और कारणों से भी हो सकते हैं। इसलिए घबराएं नहीं और अगर आपको पेशाब में जलन की शिकायत अक्सर होती हो तो डाक्टरी जाँच अवश्य करवाएं। भूख में कमी या भूख मिटना, पेशाब में बदबू, पेशाब में रक्त के अंश का पाया जाना एवं चक्कर आना गुर्दे की पथरी होने के कुछ अन्य लक्षण हैं।
मासिक धर्म के दौरान महिलाएं को अगर पेट (उदर) के निचले भाग में अक्सर दर्द की शिकायत रहती हो तो यह भी गुर्दे की पथरी होने का संकेत हो सकता है।
गुर्दे की पथरी से निजात पाने के कुछ कारगर घरेलू उपाय
अंगूर का सेवन करें : अंगूर गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत हीं महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंगूर प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में उत्कृष्ट रूप से कार्य करता है क्योंकि इनमें पोटेशियम नमक और पानी भरपूर मात्रा में होते हैं। अंगूर में अलबूमीन और सोडियम क्लोराइड बहुत हीं कम मात्रा में होते हैं जिनकी वजह से इन्हें गुर्दे की पथरी के उपचार के लिए बहुत हीं उत्तम माना जाता है।
विटामिन बी 6 लिया करें
विटामिन बी 6 गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत हीं प्रभावकारी साबित होता है।
अगर विटामिन बी -6 को विटामिन बी ग्रुप के अन्य विटामिन के साथ सेवन किया जाये तो गुर्दे की पथरी के इलाज में काफी सहायता मिलती है। शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया है कि इस बी विटामिन की 100 से 150 मिलीग्राम की एक दैनिक खुराक गुर्दे की पथरी की चिकित्सीय उपचार में बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह विटामिन मष्तिष्क सम्बन्धी विकारों को भी दूर करता है।
तुलसी के पत्तों में विटामिन बी पाया जाता है इसलिए तुलसी के कुछ ताजे पत्तों को रोजाना चबाया करें।
प्याज (कांदा) खाएं : प्याज में गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए औषधीय गुण पाए जाते हैं। अगर आप सही ढंग से इस घरेलू उपचार का पालन करेंगे तो आपको इसका हैरान कर देने वाला परिणाम मिलेगा। आपको इसका रस पीना है लेकिन पके हुए प्याज का। इसके लिए आप दो मध्यम आकर के प्याज लेकर उन्हें अच्छी तरह से छिल लें। फिर एक बर्तन में एक ग्लास पानी डालें और दोनों प्याज को मध्यम आंच पर उसमें पका लें। जब वे अच्छी तरह से पक जाये तो उन्हें ठंढा होने दें फिर उन्हें ब्लेंडर में डालकर अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें। तत्पश्चात उनके रस को छान लें एवं इस रस का तीन दिनों तक लगातार सेवन करते रहे। यह घरेलू उपाय राम बाण का काम करता है और दूसरे दिन से हीं गुर्दे की पथरी को बाहर निकालना शुरू कर देता है।
पानी : ज्यादा पानी पीएं. एक दिन में कम से कम दो से तीन लीटर पानी पीएं. शरीर में पानी की कमी होने से गुर्दे में पानी कम छनता है. पानी कम छनने से शरीर में मौजूद कैल्शियम, यूरिक एसिड और दूसरे पथरी बनाने वाले तत्व गुर्दे में फंस जाते हैं जो बाद में धीरे-धीरे पथरी बन जाते हैं. जीरे और चीनी को समान मात्रा में पीसकर एक-एक चम्मच ठंडे पानी से रोज तीन बार लेने से लाभ होता है.
करेला: करेला वैसे तो बहुत कड़वा होता है और आमतौर पर लोग इसे कम पसंद करते है. परन्तु पथरी में यह रामबाण की तरह काम करता है. करेले में मैग्नीशियम और फॉस्फोरस नामक तत्व होते हैं, जो पथरी को बनने से रोकते हैं.
अंगूर: अंगूर में एल्ब्यूमिन और सोडियम क्लोराइड बहुत ही कम मात्रा में होता हैं, इसलिए किडनी में स्टोन के उपचार के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है. साथ ही अंगूर प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में उत्कृष्ट रूप में कार्य करता है क्योंकि इनमें पोटेशियम नमक और पानी भरपूर मात्रा में होते हैं.
केला: पथरी की समस्या से निपटने के लिए केला खाना चाहिए क्योंकि इसमें विटामिन बी 6 होता है. विटामिन बी 6 ऑक्जेलेट क्रिस्टल को बनने से रोकता और तोड़ता है. साथ ही विटामिन बी-6, विटामिन बी के अन्य विटामिन के साथ सेवन करना किडनी में स्टोन के इलाज में काफी मददगार होता है. एक शोध के मुताबिक विटामिन-बी की 100 से 150 मिलीग्राम दैनिक खुराक गुर्दे की पथरी की चिकित्सीय उपचार में बहुत फायदेमंद हो सकता है.
नींबू का रस और जैतून का तेल: नींबू का रस और जैतून के तेल का मिश्रण, गुर्दे की पथरी के लिए सबसे प्रभावी प्राकृतिक उपचार में से एक है. पत्थरी का पहला लक्षण होता है दर्द का होना. दर्द होने पर 60 मिली लीटर नींबू के रस में उतनी ही मात्रा में आर्गेनिक जैतून का तेल मिला कर सेवन करने से आराम मिलता है. नींबू का रस और जैतून का तेल पूरे स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है और आसानी से उपलब्ध भी हो जाता हैं.
बथुए का साग: किडनी में स्टोन को निकालने में बथुए का साग बहुत ही कारगर होता है. इसके लिए आप आधा किलो बथुए के साग को उबाल कर छान लें. अब इस पानी में जरा सी काली मिर्च, जीरा और हल्का सा सेंधा नमक मिलाकर, दिन में चार बार पीने से बहुत ही फायदा होता है.
गाजर: गाजर में पायरोफॉस्फेट अम्ल पाया जाता हैं जो किडनी में स्टोन बनने की प्रक्रिया को रोकता है. साथ ही गाजर में पाया जाने वाला केरोटिन यूरीन की आंतरिक दीवारों को टूटने-फूटने से भी बचाता है.
अनार का रस: अनार का रस किडनी में स्टोन के खिलाफ एक बहुत ही अद्भुत और सरल घरेलू उपाय है. अनार के कई स्वास्थ्य लाभ के अलावा इसके बीज और रस में खट्टेपन और कसैले गुण के कारण इसे किडनी में स्टोन के लिए एक और प्राकृतिक उपाय के रूप में माना जाता है.
Thursday 25 February 2016
सच्चाई का आईना
एक दिन सारे कर्मचारी जब ऑफिस पहुंचे तो उन्हें गेट पर एक बड़ा-सा नोटिस लगा दिखा :- 'इस कंपनी में अभी तक जो व्यक्ति आपको आगे बढ़ने से रोक रहा था कल उसकी मृत्यु हो गई। कृपया बारी-बारी से मीटिंग हॉल में जाएं और उसे देखने का कष्ट करें।'
जो भी नोटिस पढ़ता उसे पहले तो दुख होता लेकिन फिर जिज्ञासा होती कि आखिर वो कौन था? जिसने उसकी ग्रोथ रोक रखी थी... और वो हॉल की तरफ चल देता...।गार्ड ने सभी को रोक रखा था और उन्हें एक-एक करके अंदर जाने दे रहा था।
सबने देखा की अंदर जाने वाला व्यक्ति काफी गंभीर होकर बाहर निकलता, मानो उसके किसी करीबी की मृत्यु हुई हो!
इस बार अंदर जाने की बारी एक पुराने कर्मचारी की थी,सबको पता था कि उसे हर एक चीज से शिकायत रहती है। कंपनी से, सहकर्मियों से, वेतन से, तरक्की से, हर एक चीज से।
अपनी बारी आते ही वो तेजी से ताबूत के पास पहुंचा और बड़ी जिज्ञासा से उचक कर अंदर झांकने लगा। पर यह क्या... अंदर तो एक बड़ा-सा आईना रखा हुआ था।
यह देख वह कर्मचारी क्रोधित हो उठा और जोर से चिल्लाने को हुआ, तभी उसे आईने के बगल में एक संदेश लिखा दिखा- इस दुनिया में केवल एक ही व्यक्ति है जो आपकी ग्रोथ... आपकी उन्नति... आपकी तरक्की रोक सकता है और वो आप खुद हैं।
इस पूरे संसार में आप वो अकेले व्यक्ति हैं जो आपकी जिंदगी में क्रांति ला सकते हैं।
आपकी जिंदगी तब नहीं बदलती जब आपका बॉस बदलता है, जब आपके दोस्त बदलते हैं, जब आपके पार्टनर बदलते हैं, या जब आपकी कंपनी बदलती है...। जिंदगी तब बदलती है जब आप बदलते हैं, जब आप अपनी सीमित सोच तोड़ते हैं, जब आप इस बात को रियलाइज करते हैं कि अपनी जिंदगी के लिए सिर्फ और सिर्फ आप जिम्मेदार हैं। सबसे अच्छा रिश्ता जो आप बना सकते हैं वो खुद से बनाया रिश्ता है। खुद को देखिए, समझिए।
कठिनाइयों से घबराइए नहीं, उन्हें पीछे छोड़िए, विजेता बनिए, खुद का विकास करिए और अपनी उस वास्तविकता का निर्माण करिए जिसका आप करना चाहते हैं !!!
दोस्तों, दुनिया एक आईने की तरह है, वो इंसान को उसके सशक्त विचारों का प्रतिबिंब प्रदान करती है। ताबूत में पड़ा आईना दरअसल आपको यह बताता है कि जहां आप अपने विचारों की शक्ति से अपनी दुनिया बदल सकते , वहीं आप जीवित होकर भी एक मृत के समान जीवन व्यतीत कर रहे हो।।
घर में करें चेहरे की देखभाल
कुछ लोगों का रंग गोरा होता है तो कुछ का रंग गेंहुआ और कुछ का रंग सांवला होता है. गोरी त्वचा में “मेलानिन” कम होता है और गेंहुए और सांवली त्वचा में ये अधिक मात्र में होता है इस कारण से सांवली त्वचा गोरी त्वचा के मुकाबले ज्यादा समय के बाद पुरानी होती है क्योंकि उसपर सूर्य की किरणों का प्रभाव कम पड़ता है. भूरे रंग की त्वचा तैलीय मालूम पड़ती है पर जरूरी नहीं है की गोरी त्वचा की तुलना में इसमें तेल की मात्रा ज्यादा हो. नीचे कुछ घरेलू टिप्स दिए गए हैं जिनकी मदद से बिना पार्लर गए ही आप कोमल और सुन्दर त्वचा प्राप्त कर सकती हैं.
- यदि त्वचा तैलीय है तो चेहरे पर नींबू का छिलका रगड़ने से यह त्वचा में तेल का अंश कम कर देगा चेहरा जायदा साफ़ और गोरा दिखने लगेगा.2. रात को सोने से पहले यह प्रयोग कर के देखें. एक नींबू का रस दो चम्मच दूध में मिला लें. इससे गर्दन और चेहरे पर मालिश करें और थोड़ी देर बाद ठन्डे पानी से धो लें. चेहरे पर कोमलता के साथ निखार भी आ जायेगा.3. नहाने के पहले यह प्रयोग करें. एक चम्मच नींबू के रस में आधा चम्मच शहद और एक चम्मच दूध डाल कर अच्छे से मिला लें. नहाने के १५ मिनट पहले इसे चेहरे और गर्दन पर लगा लें फिर नहा लें. यह तैलीय त्वचा को साफ़ करने के साथ रंग भी साफ़ करता है और निखार लाता है.4. दो चम्मच खीरे के रस में कुछ बूंदे नींबू की और एक चुटकी हल्दी अच्छे से मिला लें. इसे बीस मिनट के लिए गर्दन और चेहरे पर लगा कर छोड़ दें फिर ठन्डे पानी से धो लें. यह तरीका भी बहुत लाभदायक है त्वचा को साफ़ करने और गोरा बनाने के लिए.5. टमाटर को दो भाग में काट कर चेहरे पर रगड़ने से रोम छिद्र साफ होते हैं और त्वचा में निखार आता है.6. सांवलेपन को कम करने में नारियल पानी भी उपयोगी सिद्ध होता है. नारियल पानी से दस मिनट तक चेहरा मलने से त्वचा का रंग निखरने लगता है.7. अधिक धुप में रहने से अगर त्वचा सांवली या ताम्बई हो गयी है तो सोने से पहले एक नींबू के रस में कुछ बूंदे गुलाबजल की मिला कर १५ मिनट तक छोड़ दें फिर ठन्डे पानी से चेहरा धो लें. इससे पुराना रंग फिर लौट आता है.8. शरीर की त्वचा को सॉफ्ट और सिल्की बनाने के लिए नहाने के पानी में थोडा स्टार्च मिला ले.9. कांच के मर्तबान में एकत्र किया गया बारिश का पानी भी चेहरे का रंग निखारने में सहायक होता है. इस पानी से सुबह सुबह मुंह धोने से भी रंग साफ़ होता है.10 चेहरा चमकाने में कच्चे का दूध का इस्तेमाल भी फायेदेमंद होता है. कच्चे दूध से रुई के फाहों को भिगो कर पूरे चेहरे और गर्दन की मालिश करें और १० मिनट बाद ठन्डे पानी से धो लें. यह चेहरा साफ़ करने का बडा पुराना और असरदार नुस्खा है.11. चेहरे की सुन्दरता बढाने में नीम की पत्तियां भी फायदेमंद होती है. नीम पत्तियों को पानी में उबाल लें फिर उस पानी से चेहरा, हाँथ पाँव धोएं. यह त्वचा में चमक और सुन्दरता को बढ़ता है.12. एक चम्मच पिसी हल्दी में चन्दन का पावडर, क्रीम, और एक चम्मच बेसन मिला कर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट से चेहरे और गर्दन पर नहाने के आधा घंटा पहले मालिश करें. यह त्वचा में आकर्षण पैदा करता है और त्वचा मुलायम और गोरी भी होती है इस प्रयोग से.13. खुले हुए रोमछिद्र बंद करने केलिए रुई में बर्फ को लपेट कर चेहरे पर रगड़ें. इससे खुले हुए रोमछिद्र बंद हो जाते हैं.14. अंडे की सफेदी में एक टुकड़ा कपूर या फिटकरी का मिला कर ठीक से फेंट लें. इस पेस्ट को १५ मिनट तक चेहरे पर लगाने से भी रोमछिद्र बंद हो जाते हैं.15. काले दाग से छुटकारा पाने के लिए तोरई के पत्ते से दिन दो बार चेहरे को रगड़ें. ऐसा कुछ सप्ताह करने से काले दागों से छुटकारा मिल जाता है.
वजन कम करें 15 दिनों मे loose weight in 15 days
सखियों, भारत में आज बिना खाये मरने वाले लागों से बहुत ज्यादा ऐसे लोगों की संख्या है जो खूब खा पी कर बीमार पड़ रहे हैं और अपनी मौत की तैयारी कर रहे हैं । उदाहरण के लिये आज देश में ब्लड प्रेशर, शुगर, दिल की बीमारियों और किडनी फेल होने से होने वाली मौत के आंकड़ें बढ़ते ही जा रहे हैं । बड़े दुख की बात है कि ये चारों जानलेवा बीमारी की शुरूआत मोटापे से शुरू होती है । आज भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा शुगर पेशेंट हैं और यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है । मोटापे से आपको इन चार बीमारियों के अलावा और भी कई बीमारियॉं होती है जैसे गठिया, लीवर की जानलेवा बीमारियॉं, अल्सर, कब्ज, बावासीर,भगंदर और दूसरी तमाम बीमारियॉं । आज स्वस्थ रहने का एक ही मूल मंत्र है और वह है वजन कंट्रोल करना, मोटापे से दूर रहना ।कुछ छोटी छोटी चीजों से हम इस बीमारी को दूर भगा सकते हैं । हॉं इसके लिये एक चीज बहुत जरूरी है और वह हैं इच्छा शक्ति का होना क्योंकि बहुत बार हम कल से शुरू करेंगे या अगले महीने से शुरू करेंगे, सोचते सोचते बहुत देर कर देते हैं ।
सखियों, वजन कम करने का जो तरीका मैं आपको बताने जा रही हूं इस तरीके से मैंने कई बार अपना बढ़ा वजन 5 से 8 किलो तक कम किया है और वह भी बिना कुछ अधिक खर्च किये और बिना किसी दवा या फ़ूड सप्लीमेंट के । जरूरत है बस 15 दिनों तक अपने ऊपर संयम रखने की और इच्छा शक्ति की ।
1. अगर व्यक्ति अपने कद के अनुसार अपना वजन बनाये हुये हैं तब वह औसत उम्र से 20 से 30 वर्ष अधिक जीता है ।
2. खाना खाने के तुरंत बाद एक गिलास खूब गर्म पानी धीरे धीरे पीयें । यह भोजन को पचाने में मदद करता है और शरीर में जमा चर्बी को भी गलाता है ।
3. वजन कम करने के लिये आप कम से कम 15 दिन की योजना बना कर चलें । कुछ हफ्तों तक तली-भुनी चीजों (पूड़ी-परांठा), घी-तेल, मिर्च, मसालों, फैटी चीजें जैसे मैदा, मीटए अंडा और मिठाईयों से दूर रहें । खमीर से पैदा हुयी चीजों का सेवन भी न करें ।
4. फलों और सब्जियों का सेवन बढ़ा दें और भोजन में सलाद का इस्तेमाल अधिक करें । सब्जियों का सूप, फलों का रस, अंकुरित अनाज का सेवन करें
5. सवेरे नाश्ते में रात में भिगोये हुए मुन्नका, छुआरा, अंजीर, बादाम का सेवन करें .
6. पानी का सेवन बढ़ा दीजिये । कम से कम 4 से 5 लीटर पानी पीजिये ।
7. सवेरे कम से कम 30 मिनट की वॉक जरूर करें । अगर जॉगिंग कर सकते हैं तो और अच्छा होगा ।
8. सूर्य नमस्कार शुरू में 5 से 10 बार करने का प्रयास करें । यह अपने आप में सम्पूर्ण व्यायाम है । कई फिल्म अभिनेत्रियॉं एक बार में 15 से 20 बार तक सूर्य नमस्कार करती है । यह पूरे शरीर को हिला देने वाला व्यायाम है । जरूरी नहीं की आप मंत्रों के साथ ही इसे करें । दस बार करने के बाद आप देखेंगे की शरीर से पसीना निकलने लगा है । इसको किसी जानकार से सीखने के बाद ही करें, परे करें जरूर, यह एक जादुई व्यायाम है जिसका पता इसे करने के बाद ही मालूम पड़ता है ।
9. अनुलोम विलोम के साथ कपालभाति प्राणायाम भी करें । प्राणायाम एक बोरिंग व्यायाम है लेकिन यह भी एक जादुई व्यायाम है । बोरियत से बचने के लिये मैं एक तरीका अपनाती हूं । प्राणायाम सात तरह के होते हैं । आप इन्हें करने के दौरान मोबाइल पर कोयी भजन या गाना लगा लें । जब तक वह आडियो फाइल चलती रहेगी आपका मन लगा रहेगा साथ ही यह संकल्प भी करिये की जब तक यह गाना चलेगा में प्राणायाम करती रहूंगी । इसके लिये आप 10 से 30 मिनट तक की फाइल चुन सकती हैं ।
10. अगर आप कोयी आउट डोर खेल खेलने के शौकीन हैं जैसे बैडमिंटन, टेनिस आदि तो वह खेल खेलना शुरू कर दीजिये ।
11. घर से थोडी दूर जाने के लिये गाड़ी का इस्तेमाल बंद कर दीजिये । पैदल या साइकिल का प्रयोग शुरू कर दीजिये ।
12. कम से कम 15 दिन की आपकी दिनचर्या ऐसी होनी चाहिये ।
· सवेरे एक से डेढ़ घंटे मार्निंग वॉक, सूर्यनमस्कार और प्राणायाम करना चाहिये । शाम को भी 30 मिनट की वाक और 30 मिनट हल्की कसरत और प्राणायाम । इसके लिए घर के आस पास किसी पार्क का माहौल अच्छा रहेगा. अगर पार्क नहीं है तब आप घर की छत से भी शुरुआत कर सकती हैं.
· सवेरे नाश्ते में अंकुरित अनाज, थोड़ा सा फल और रात में भिगोये हुये चार चार दाना छुआरा, मुन्नका, अंजीर और बादाम ।
· दोपहर के खाने में 2 से 4 चोकर मिले आटे की रोटियॉं और उबली हुयी हरी सब्जियॉं सलाद के साथ ।
· बाजार के आयोडीन नमक की जगह सैंधा नमक का इस्तेमाल करें । अगर आप बीपी के पेशेंट है तब सैंधा नमक का इस्तेमाल हमेशा करें ।
· चाय में आप ग्रीन टी ले सकते है या फिर गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद के साथ आधा नीबू का रस.
· दिन में एक बार मलाई निकला हुआ दूध ले सकते हैं । गाय का दूध हो तो और अच्छा है ।
आप देखेंगे की सिर्फ 15 दिन खान पान बदलने से और व्यायाम करने से आप का 2 से 5 किलो तक वजन कम हो गया है । आप शरीर हलका महसूस करेंगे और पहले से बेहतर और स्वस्थ महसूस करेंगे । आप चाहें तो यह प्रयोग एक महीने या फिर तीन महीने तक कर सकती हैं । वजन कम होने के बाद आप खान पान में हल्का परिवर्तन कर सकते हैं लेकिन आसन प्राणायाम, सूर्यनमस्कार और मार्निंग वॉक करना न छोड़ें । वजन हमेशा संतुलित बना रहेगा ।
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