Saturday 16 April 2016

जानिये सेब से होने वाले स्वास्थ्य लाभ

“An apple a day keeps the doctor away” यह लाइन सबने कहीं का कहीं सुनी या पढ़ी होगी| इसका मतलब है रोज एक सेव खाने से हम डॉक्टर से हमेशा दूरी बनाये रख सकते है| डॉक्टर के पास जाना किसी को अच्छा नहीं लगता है, और अगर एक सेव खाने से हम इससे बच सकते है तो क्या बात है| एप्पल को एक चमत्कारी फल माना जाता है| इसकी सबसे ज्यादा खेती होती है और यह संग्रह करके भी बहुत अधिक मात्रा में रखा जाता है| सेब में अधिक मात्रा में पौषक तत्व पाये जाते है जो हमारे शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को स्ट्रोंग बना देते है और रोजाना सेब खाने से चेहरे पर एक अलग ही ग्लो दिखने लगता है तो आईये आज हम सेब से होने वाले ढेरों फायदों के बारे में बात करेंगें।

अगर आप अपना वजन कम करने के लिए डाइटिंग पर है, तो सेव खाना आपके लिए बहुत फायदेमंद है| क्यूंकि सेव में जीरो कैलोरी होती है, और ढेर सारे पौष्टिक तत्व| मतलब इसे खाने से एक तीर से दो निशाने लगेंगें, आप इसे खाकर अपनी भूख शांत करेंगे और मोटे भी नहीं होंगें और साथ ही बहुत से पौष्टिक तत्व आपके शरीर को मिलेंगें| अगर आप पतले है, तब एप्पल खाना आपके लिए भी फायदेमंद है| आपको इसे खाने से ताकत मिलेगी और आप कमजोर महसूस नहीं करेंगें|
List of element in apple (सेव का साइज़ 150 gm लगभग)
सेव में पाए जाने जाने वाले तत्वमात्रासेव में पाए जाने जाने वाले तत्वमात्रा
विटामिन E0.18 mgविटामिन K2.2 mg
विटामिन C4.6 mgविटामिन A3 mg
पोटेशियम107 mgपानी85.56 gm
कैल्शियम6 mgएनर्जी52 कैलोरी
मैग्नीशियम5 mgवसा(fat)0.17 g
फास्फोरस11 mgकार्बोहाइड्रेट13.81 g
आयरन0.12 mgमैगनीज0.035 mg
प्रोटीन0.26 gविटामिन B60.041 mg
सोडियम1 mgविटामिन B10.017 mg

apple ke fayde यह है कि सेव खाने से बहुत सी बीमारियाँ दूर हो जाती है| सेव खाने से कैंसर, डायबतिज, दिल के रोग, दिमाग के रोग सब दूर हो जाते है| यह रेशेदार फल होता है, जिस वजह से इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिसे खाने से हमारी भूख शांत होती होती है और जल्दी भूख भी नहीं लगती है| एप्पल से पेट का पाचन तंत्र भी सुचारू रूप से कार्य करता है| इसे खाने के अनगिनत फायदे है इसे ऐसें ही जादुई फल नहीं कहते है| सेव शरीर की अंदरूनी खूबसूरती और बाहरी खूबसूरती दोनों में मददगार है| कहते है हमें रोज कम कम से 3 फल खाने चाहिए और सुबह सुबह तो सेव जरुर खाना चाहिए| सुबह इसे खाकर दूध पीने से पाचन तत्रं सही रहता है और चेहरे की रंगत भी बदलती है| कुछ ही दिनों में आपके चेहरे पर लालिमा छा जाएगी क्यूंकि आपके शरीर में खून की सही मात्रा होगी|
ऐसे बहुत से सेव खाने के गुण फायदे एवम लाभ आज में आपको अपने आर्टिकल बताने वाली हूँ| जिसे पढ़कर आप सेव को सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर नहीं अपनी पसंद से हर रोज खायेंगे| तो चलिए आज जादुई एप्पल खाने के फायदे एवम लाभ जानते है और आपको सेव के गुण (seb ke gun) भी बताते हैं|

एप्पल या सेव खाने के गुण फायदे एवम लाभ

Apple Seb Khane Ke Gun Fayde Benefits Labh In Hindi

  1. एनिमिया बीमारी दूर करता है / Remove Anemia Disease – एनीमिया में शरीर में खून की कमी हो जाती है| इसमें खून नहीं बनता और हीमोग्लोबिन भी कम हो जाता है जिससे खून को लाल रंग मिलता है| सेव में आयरन होता है जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है| अगर आप रोज सेव नहीं खा सकते है तो कुछ दिन तक रोज खाएं आपके शरीर में आयरन की कमी दूर होगी और एनीमिया रोग दूर होगा|
  2. कोलेस्ट्रोल कम करता है / Reduce Cholestrol – सेव में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है| ये फाइबर पेट में जाकर fat से मिलता है और कोलेस्ट्रोल को कम करता है|
  3. कैंसर के खतरे को कम करता है / Reduce Risk of Developing Cancer – सेव में मौजूद तत्व पेट, स्तन कैंसर होने से रोकते है| ये व्यक्ति के शरीर में मोजूद कोशिकाएं को कैंसर से लड़ने की ताकत देते है|
  4. सफ़ेद और मजबूत दांत / white and healthy teeth – सेव आपके ब्रश की जगह नहीं ले सकता है लेकिन इसे चबा चबा कर खाने से आपके दाँतों को सफेदी मिलती है| ऐसा करने से मुंह में बैक्टीरिया नहीं होते और उनसे जुडी कोई बीमारी भी नहीं होती है|
  5. डायाबटीज control – अगर आप रोज एप्पल खाते है तो आपको 28% कम चांस है डायाबटीज होने के| इसमें मोजूद तत्व शरीर में गुलुकोस की कमी पुरे करते है जिससे आपको इन्सुलिन लेने की जरुरत नहीं पड़ेगी|
  6. वजन संतुलित रखे / Maintain weight – मोटापा बहुत सी बीमारी की जड़ होता है और इसे कम करना हमारे लिए बहुत बड़ा सर दर्द होता है| वजन कम करने वालों के मन में हमेशा यह चलता रहता है कि वो क्या खा सकते और क्या नहीं, किस प्रकार अपनी भूख को शांत करें यही सोचते है| सेव में फाइबर अधिक होता है जिससे वजन नहीं बढ़ता है|
  7. अल्जाइमर बीमारी से बचाए / Avoid Alzheimer – अल्जाइमर मष्तिष्क से जुडी बीमारी है| एक शोध में पाया गया है कि रोज सेव का जूस पीने से अल्जाइमर बीमारी से हमेशा बचा जा सकता है| सेव मष्तिष्क की कोशिकाओं की रक्षा करता है जिससे अल्जाइमर जैसे रोग नहीं होते है|
  8. पाचन सही रखे / Maintain digest system – पाचन के लिए सेव बहुत अच्छा है| अगर हमारा पाचन तंत्र सही ढंग से काम ना करे तो समझो पूरा शरीर बीमार महसूस करता है| पाचन से ही शरीर के बाकि अंग अच्छे से काम करते है| सेव कहने से पाचन अच्छा होता है| सेव को छिलका सहित खाएं तो फायदा अधिक होगा|
  9. प्रतिरक्षा प्रणाली को अच्छा रखे / Boost immune system- सेव खाने से इम्मुन सिस्टम अच्छे से काम करता है| कोई भी रोग जल्दी हमारे शरीर पर प्रभाव नहीं डालते है|
  10. पेट मजबूत करे – आजकल का खानपान ऐसा हो गया है कि हमारा पेट बहुत जल्दी ख़राब हो जाता है| हम कई बार ऐसी जहरीली चीजें खा लेते है जो शरीर पर तुरंत तो असर नहीं करती लेकिन वो हमारे शरीर पर बुरा असर डालती है| सेव खाने से पेट की गन्दगी निकल जाती है और पेट मजबूत होता है|
  11. पथरी(stone) से बचाए – गुर्दे में होने वाली पथरी को सेव खा कर रोका जा सकता है| रोज सेव खाने से शरीर में पथरी नहीं होती|
  12. कब्ज / Loose motion – loose motion और कब्ज दोनों ही हमारे पेट से जुड़े रोग है| सेव खाने से ये रोग दूर होते है क्यूंकि इसमें फाइबर अधिक है जिससे कब्ज जैसी शिकायत नहीं होती| छोटे बच्चों को loose motion होने पर सेव को पीस कर खिलाना चाहिए आराम मिलता है|
  13. हड्डियाँ मजबूत करे – सेव में कैल्शियम होता है जो हड्डियों को मजबूती देता है|
  14. चेहरा की खूबसूरती बढ़ाये – सेव खाने से फेस के काले धब्बे दूर होते है फेस पर glow आता है और आप तंदरुस्त लगते है|
आज एप्पल के बेनिफिट्स जान कर आप इसे अपने आहार में जरुर शामिल करिए| यह बहुत अच्छा फल है जिसे खाने से आपके शरीर को सिर्फ फायदे ही मिलेंगे| सेव खाने के गुण फायदे एवम लाभ पढ़ कर आपकी इस फल के प्रति क्या प्रतिक्रिया है हमें जरुर बताएं|

Thursday 14 April 2016

कालसर्प योग (Kaal Sarp Dosh) भी शुभ फल देता है

कुण्डली में राहु और केतु की उपस्थिति के अनुसार व्यक्ति को कालसर्प योग (Kaalsarp Dosh) लगता है. कालसर्प योग को अत्यंत अशुभ योग माना गया है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यह योग जिस व्यक्ति की कुण्डली में होता है उसका पतन होता है.यह इस योग का एक पक्ष है
जबकि दूसरा पक्ष यह भी है कि यह योग व्यक्ति को अपने क्षेत्र में सर्वक्षेष्ठ बनता है।

कालसर्प योग (Kaalsarp Yog) का प्राचीन ज्योतिषीय ग्रंथों में विशेष जिक्र नहीं आया है.तकरीबन सौ वर्ष पूर्व ज्योर्तिविदों ने इस योग को ढूंढ़ा.इस योग को हर प्रकार से पीड़ादायक और कष्टकारी बताया गया.आज बहुत से ज्योतिषी इस योग के दुष्प्रभाव का भय दिखाकर लोगों से काफी धन खर्च कराते हैं.ग्रहों की पीड़ा से बचने के लिए लोग खुशी खुशी धन खर्च भी करते हैं.परंतु सच्चाई यह है कि जैसे शनि महाराज सदा पीड़ा दायक नहीं होते उसी प्रकार राहु और केतु द्वारा निर्मित कालसर्प योग हमेंशा अशुभ फल ही नहीं देते.

अगर आपकी कुण्डली में कालसर्प योग (Kaalsarp Yog) है और इसके कारण आप भयभीत हैं तो इस भय को मन से निकाल दीजिए.कालसर्प योग से भयाक्रात होने की आवश्यक्ता नहीं है क्योंकि ऐसे कई उदाहरण हैं जो यह प्रमाणित करते हैं कि इस योग ने व्यक्तियों को सफलता की ऊँचाईयों पर पहुंचाया है.कालसर्प योग से ग्रसित होने के बावजूद बुलंदियों पर पहुंचने वाले कई जाने माने नाम हैं जैसे धीरू भाई अम्बानी, सचिन तेंदुलकर, ऋषिकेश मुखर्जी, पं. जवाहरलाल नेहरू, लता मंगेशकर आदि.  

ज्योतिषशास्त्र कहता है कि राहु और केतु छाया ग्रह हैं जो सदैव एक दूसरे से सातवें भाव में होते हैं.जब सभी ग्रह क्रमवार से इन दोनों ग्रहों के बीच आ जाते हैं तब यह योग बनता है. राहु केतु शनि के समान क्रूर ग्रह माने जाते हैं और शनि के समान विचार रखने वाले होते हैं.राहु जिनकी कुण्डली में अनुकूल फल देने वाला होता है उन्हें कालसर्प योग में महान उपलब्धियां हासिल होती है.जैसे शनि की साढ़े साती व्यक्ति से परिश्रम करवाता है एवं उसके अंदर की कमियों को दूर करने की प्रेरणा देता है इसी प्रकार कालसर्प व्यक्ति को जुझारू, संघर्षशील और साहसी बनाता है.इस योग से प्रभावित व्यक्ति अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करता है और निरन्तर आगे बढ़ते जाते हैं.

कालसर्प योग में स्वराशि एवं उच्च राशि में स्थित गुरू, उच्च राशि का राहु, गजकेशरी योग, चतुर्थ केन्द्र विशेष लाभ प्रदान करने वाले होते है.अगर सकारात्मक दृष्टि से देखा जाए तो कालसर्प योग वाले व्यक्ति असाधारण प्रतिभा एवं व्यक्तित्व के धनी होते हैं.हो सकता है कि आपकी कुण्डली में मौजूद कालसर्प योग आपको भी महान हस्तियों के समान ऊँचाईयों पर ले जाये अत: निराशा और असफलता का भय मन से निकालकर सतत कोशिश करते रहें आपको कामयाबी जरूरी मिलेगी.इस योग में वही लोग पीछे रह जाते हैं जो निराशा और अकर्मण्य होते हैं परिश्रमी और लगनशील व्यक्तियों के लिए कलसर्प योग राजयोग देने वाला होता है.

कालसर्प योग (Kaalsarp Yog) में त्रिक भाव एवं द्वितीय और अष्टम में राहु की उपस्थिति होने पर व्यक्ति को विशेष परेशानियों का सामना करना होता है परंतु ज्योतिषीय उपचार से इन्हें अनुकूल बनाया जा सकता है. 

यह नियम करें और हमेशा स्वस्थ रहें


हर कोई अच्छी सेहत और स्वस्थ शरीर की कामना करता हैं। अच्छी सेहत के लिए समतोल आहार लेना जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक हैं आहार को खाने और पचाने के नियमों का पालन करना। इस लेख में हम ऐसी ही कुछ महत्वपूर्ण नियमों का उल्लेख कर रहे है जो आहार के सही पाचन के लिए आवश्यक हैं।
 
जितना महत्त्व हम खाने को देते हैं उतना ही महत्त्व हमें खाना खाने के बाद की जानेवाली क्रिया को भी देना चाहिए। स्वस्थ शरीर और मजबूत पाचन शक्ति के लिए खाना खाने के बाद निचे दी हुई 10 चीजो को नहीं करना चाहिए।
  1. फल / Fruits : खाना खाने के तुरंत बाद कोई भी फल नहीं खाना चाहिए। खाना खाने के तुरंत बाद कोई भी फल खाने से एसिडिटी बढ़ जाती है और गैस की शिकायत हो सकती हैं। अगर आपको फल खाना ही है तो खाना खाने के 2 घंटे बाद या खाना खाने के 1 घंटे पहले कोई फल खाना चाहिए।
  2. चाय / Tea : कुछ लोगो को खाना खाने के तुर्रंत बाद चाय पिने की आदत होती हैं। यह एक बुरी आदत हैं। चाय पिने से एसिडिटी बढ़ सकती है और चाय पिने की वजह से आहार से मिलनेवाले प्रोटीन का ठीक से अवशोषण नहीं होता हैं। अगर चाय पीना है तो खाना खाने के 2 घण्टे बाद ही पीना चाहिए।
  3. नहाना / Bath : कुछ लोगों को खाना खाने के बाद नहाने की आदत होती हैं। खाने के तुरंत बाद नहाने के कारण रक्त का प्रवाह पेट की जगह हात और पैर की तरफ अधिक बढ़ जाता हैं। इस कारण पाचन शक्ति कमजोर हो जाती हैं।
  4. ठंडा पानी / Cold water : आजकल खाने के तुरंत बाद फ्रिज का ठंडा पानी या शीत पेय पिने का चलन ज्यादा बढ़ गया हैं। लोग पहले तो भारी खाना खाते है और फिर ऊपर से ठंडा पानी भी पीते हैं। ठंडा पानी पिने से जाठराग्नि शांत हो जाती है और आहार का पाचन ठीक से नहीं होता हैं। ठंडा पानी पिने की जगह आप खाना खाते समय थोड़ा-थोड़ा साधारण तापमान का पानी ले सकते हैं। खाना खाते समय कोष्ण जल / warm water पीना सेहत के लिहाज से सबसे बेहतर हैं।
  5. चलना / Walking : आपने यह जरूर सुना होंगा की खाने के बाद तुरंत 100 कदम (शत पावली) चलना चाहिए। खाना खान के तुरंत बाद चलने से पेट का रक्त प्रवाह कम हो जाता है जिससे आहार का पाचन नहीं होता हैं। खाना खाने 10 से 15 मिनट के बाद अवश्य चलना चाहिए और यह सेहत के लिए अच्छा भी हैं। आप चाहे तो खाना खाने के बाद 5 से 10 मिनिट तक वाम कुक्षी / left lateral position में लेट सकते हैं। इससे पाचन में मदद हो सकती हैं।
  6. पैंट ढीला करना / Loosening Belt : कुछ लोग खाना खाने के बाद बेल्ट को ढीला कर देते हैं। असल में इतना आहार नहीं लेना चाहिए की आपका पेट पूरा भर जाये और आपको पैंट को ढीला करने की जरुरत पढ़े। खाना खाने के बाद बेल्ट को ज्यादा ढीला न करे, ऐसा करने से मोटापा बढ़ता है और कभी-कभी आंत में गांठ भी पड़ सकती हैं।
  7. सोना / Sleep : खाने कु तुरंत बाद सोना नहीं चाहिए। खाने के बाद तुरंत सोने से खाना ऊपर की और आने से एसिडिटी बढ़ती हैं और पाचन ठीक से नहीं होता हैं। आप चाहे तो केवल 10 मिनिट के लिए वाम कुक्षी में लेट सकते हैं। अगर बैठने या चलने में असमर्थ है तो पूरा लेटने की जगह पीछे तकिया लगाकर सिर की बाजू को पेट की तुलना में ऊपर उठाकर लेटना चाहिए।
  8. पानी / Water : कुछ लोग खाना खाने से तुरंत पहले या खाना खाने के तुरंत बाद अधिक प्रमाण में पानी पीते हैं। यह पाचन और स्वास्थ्य की दृष्टी में हानिकारक हैं। अगर आपको पानी पीना है तो खाना खाते समय थोड़ा- थोड़ा पानी पिए। आप खाना खाने के 1 घंटा पहले या खाना खाने के 2 घंटे बाद पानी ले सकते हैं।
  9. धूम्रपान / Smoking : कुछ लोगों को खाना खाने के तुरंत बाद धूम्रपान करने के शौक रहता हैं। धूम्रपान ऐसे तो किसी भी व्यक्ति ने कभी भी नहीं करना चाहिए पर अगर आप खाना खाने के बाद धूम्रपान करते हैं तो यह एक सिगरेट का असर 10 सिगरेट के समान होता है और आपको कैंसर होने खतरा 50 % से बढ़ा देता हैं।
  10. बैठना / Sitting : यह आदत काम-काजी लोगों को अधिक होती हैं। अक्सर दोपहर का खाना / lunch time खाने के बाद काफी समय तक एक खुर्ची पर बैठे रहते हैं। खाना खाने के 15 मिनट बाद चलने की जगह लंबे समय तक बैठे रहने से यह आदत मोटापे के साथ अनेक गंभीर समस्या को आमंत्रण देने जैसा होता हैां।
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Tuesday 5 April 2016

राशियों पर शनि का प्रभाव (Saturn’s Influence in Different Zodiac Signs)



जैसे कुछ ग्रहों के साथ शनि देव शुभ होते हैं और कुछ के साथ अशुभ फलदायी, उसी प्रकार कुछ 12 राशियों में से कुछ में शनि लाभदायक तो कुछ में हानिकारक होते हैं.आपकी कुण्डली में शनि किस राशि में हैं और यह आपको किस प्रकार से प्रभावित करेंगे आइये इसे देखें.


मेष राशि में शनि: (Saturn in Aries)

राशिचक्र में सबसे पहला स्थान मेष राशि का है.इस राशि में शनि नीच (Saturn is debilitated in Aries) का होता है.शनि नीच होने से यह अशुभ फलदायी होता है.इस राशि शनि की स्थिति से व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी होती है.इस राशि में जिनके शनि होता है शनि उन्हें हठी और क्रोधी बनाता है.यह व्यक्ति को बुरी आदतों की ओर ले जाता है. मेष राशि में जब शनि की महादशा (Shani Mahadasha in Aries) चलती है उस समय रिश्तेदारों एवं मित्रों के साथ विरोध उत्पन्न होता है.इस समय सम्बन्धों में दूरियां भी बढ जाती है.


वृष राशि में शनि: (Saturn in Taurus)
वृष राशि राशिचक्र में दूसरी राशि है(Taurus is the 2nd sign).जिस व्यक्ति की कुण्डली मे शनि इस राशि में होता है वह व्यक्ति असत्य भाषण करने वाला होता है.ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ऐसा व्यक्ति विश्वासपात्र नहीं होता यह अपने स्वार्थ के लिए किसी को धोखा दे सकता है.यह काफी चतुर और शक्तिशाली होता है.काम की भावना इनमें अधिक रहती है.कई स्त्रियों अथवा पुरूष से इनके सम्बन्ध हो सकते हैं अगर कुण्डली अन्य शुभ ग्रह की स्थिति न हो.


मिथुन: (Saturn in Gemini)
तीसरी राशि है मिथुन राशि.इस राशि में शनि का होने पर यह व्यक्ति को दु:साहसी बनाता है.व्यक्ति चतुर और धूर्त प्रकृति का होता है.राजनीति एवं कुटनीतिक क्षेत्र में इन्हें विशेष सफलता मिलती है.इनमें दया और सद्भावना की कमी होती है.संतान की दृष्टि से यह स्थिति बहुत अच्छी नहीं होती है क्योंकि यह अल्प संतान का योग निर्मित करता है.साहित्य, संगीत एवं सौन्दर्य के प्रति व्यक्ति में विशेष लगाव रहता है.


कर्क राशि: (Saturn in Cancer)
राशि चक्र की चौथी राशि है कर्क राशि.जिस व्यक्ति की कुण्डली में चतुर्थ भाव में शनि होता है वह व्यक्ति जिद्दी और दूसरों से ईर्ष्या करने वाला होता है.स्वार्थ की भावना इनमें प्रबल रहती है.मातृ पक्ष से इन्हें सुख की कमी महसूस होती है.जब शनि की महादशा कर्क राशि में होती है उस समय इन्हें विशेष कष्ट होता है.शनि की महादशा में इनें पारिवारिक जीवन में उथल पुथल, मानसिक अशांति, अस्वस्थता मिलती है.


सिंह राशि: (Saturn in Leo)
सिंह राशि राशि चक्र में पांचवीं राशि है. इस राशि में शनि के होने से शनि व्यक्ति को गंभीर और चिंतनशील बनाता है.व्यक्ति अपने कार्य निपुण और परिश्रमी होता है.इस राशि में शनि से प्रभावित व्यक्ति अपनी बातों पर अडिग रहने वाला होता है.गोचर में इस राशि में जब शनि की महादशा चलती है उस समय इन्हें अत्यधिक परिश्रम करना होता है.अनावश्यक रूप से धन की हानि होती है और मन में निराशात्मक विचार आते रहते हैं.


कन्या राशि: (Saturn in Virgo)
जिनकी कुण्डली में कन्या राशि में शनि (Shani in Virgo Rashi) होता है वे परोपकारी और गुणवान होते हैं.इस राशि में जिनके शनि होता है वे धनवान और शक्तिशाली होते हैं.कम बोलने वाले और लेखन एवं गंभीर विषयों में रूचि रखने वाले होते हैं.ये सामाजिक कार्यों में शामिल रहते हैं.पारम्परिकता एवं पुराने विचारों में यकीन रखने वाले होते हैं.इस राशि में शनि की महादशा में इन्हें यश और लाभ मिलता है.


तुला रशि: (Saturn in Libra)
तुला राशि में जिनके शनि (Saturn in Libra) होता है उनके लिए शनि उत्तम फल देने वाला होता है.यह व्यक्ति को स्वाभिमानी, महत्वाकांक्षी और भाषण कला में निपुण बनाता है.यह व्यक्ति को स्वतंत्र विचारों वाला और चतुर बनाता है.आर्थिक रूप से मजबूत और कुशल मानसिक क्षमता प्रदान करता है.


वृश्चिक राशि: (Saturn in Scorpio)
शनि देव जिनकी कुण्डली में वृश्चिक राशि में होते हैं वह व्यक्ति जोशीला और क्रोधी होता है.इनमें अभिमान और वैराग्य की भावना रहती है.इनका स्वभाव गंभीर और ईष्यालु होता है.इस राशि में शनि की महादशा जब चलती है तब आर्थिक क्षति और मान सम्मान की हानि होती है.


धनु राशि: (Saturn in Sagittarius)
राशिचक्र में शनि का स्थान नवम है. इस राशि में शनि (Shani in Dhanu Rashi) होने पर यह व्यक्ति को व्यावहारिक और ज्ञानवान बनाता है.व्यक्ति परिश्रमी और नेक विचारों वाला होता है.चतुराई और अक्लमंदी से काम करने वाला एवं दूसरों के उपकार को मानने वाला होता है.इस राशि में जब शनि की महादशा चलती है उस समय व्यक्ति को सुख और उत्तम फल प्राप्त होता है.शिक्षा के क्षेत्र में महादशा के दौरान सफलता मिलती है.


मकर राशि: (Saturn in Capricorn)
राशि चक्र की दशवीं राशि यानी मकर राशि में शनि व्यक्ति को परिश्रमी और ईश्वर के प्रति आस्थावान बनाता है.कारोबार में प्रगति, आर्थिक लाभ, ज़मीन जायदाद का लाभ यह शनि दिलाता है.शनि इनकी प्रकृति शंकालु बनाता है.लालच और स्वर्थ की भावना भी इनके अंदर रहती है.


कुम्भ राशि: (Saturn in Aquarius)
जिनकी कुण्डली में शनि दशम भाव यानी कुम्भ राशि में होता है वह व्यक्ति अहंकारी होता है.आर्थिक रूप से सामान्य रहते हैं.कूटनीतिक क्षेत्र में सफल और बुद्धिमान होते हैं.नेत्र रोग से पीड़ित होते हैं.व्यवहार कुशल और भाग्य के धनी होते हैं.


मीन राशि: (Saturn in Pisces)
राशिचक्र की 12वीं राशि है मीन.मीन राशि में शनि (Shani in Meen Rashi) स्थित होने पर यह व्यक्ति को गंभीर बनाता है.व्यक्ति दूसरों से ईर्ष्या रखने वाला व महत्वाकांक्षी होता है.इस राशि में शनि के होने पर व्यक्ति उदार और समाज में प्रतिष्ठित होता है.शनि इनकी आर्थिक स्थिति भी समान्य बनाए रखता है.


इस प्रकार शनि विभिन्न राशियों में फल और प्रभाव देता है.

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