Saturday 27 February 2016

एलोवेरा- एक संजीवनी बूटी


एलोवेरा भारत में ग्वारपाठा या घृतकुमारी हरी सब्जी के नाम से प्राचीनकाल से जाना जाने वाला काँटेदार पत्तियों वाला पौधा है, जिसमें रोग निवारण के गुण कूट-कूट कर भरे पड़े हैं। आयुर्वेद में इसे घृतकुमारी की 'उपाधि' मिली हुई है तथा महाराजा का स्थान दिया गया है। औषधि की दुनिया में इसे संजीवनी भी कहा जाता है। इसकी 200 जातियाँ होती हैं, परंतु प्रथम 5 ही मानव शरीर के लिए उपयोगी हैं।


एलो मात्र एक पौधा नहीं है, मानो कुदरत ने मानव शरीर के कल्याण के लिए विशेष तौर पर इसे धरती पर लाया हो | जितने गुण एलो वेरा में है ,शायद ही किसी और जड़ी-बूटी में एक साथ पाए जाते है | इसलिए इसे औषधियों का महाराजा माना गया है | कई नाम से इसे लोग पुकारते है , कुछ लोग इसे संजीवनी बूटी तो कुछ लोग इसे साइलेंट हीलर, चमत्कारी औषधि आदि भी कहते है | 


एलोवेरा का 5000 साल पुराना इतिहास है | पुराने समय में लोग इससे औषधि के रूप में इस्तेमाल करते आ रहे है | पवित्र ग्रन्थ रामायण, बाइबल और वेदों में भी इस पौधे की उपयोगिता के बारे में चर्चा की गई है | मिस्त्र की महारानी क्लीवपेट्रा से लेकर महात्मा गाँधी तक इसका इस्तेमाल करके फायदा उठा चुके है | वर्तमान में एलो वेरा का उपयोग अनेक प्रकार के आयुर्वेदिक औषधीय में बहुतायत से हो रहा है | कोई भी वैद्य,चिकित्सक, व हाकिम इनके गुणों को नकार नहीं सकता | इसे कई नाम से जाना जाता है , जैसे हिंदी में ग्वारपाठा, क्वारगंदल,घृतकुमारी, कुमारी या फिर घी-ग्वार भी कहते है |


इसकी बारना डेंसीस नाम की जाति प्रथम स्थान पर है। इसमें 18 धातु, 15 एमीनो एसिड और 12 विटामिन मौजूद होते हैं। इसकी तासीर गर्म होती हैं। यह खून की कमी को दूर करता है तथा शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह खाने में बहुत पौष्टिक होता है। इसे त्वचा पर लगाना भी उतना ही लाभप्रद होता है। इसकी काँटेदार पत्तियों को छीलकर एवं काटकर रस निकाला जाता है। 3-4 चम्मच रस सुबह खाली पेट लेने से दिन-भर शरीर में शक्ति व चुस्ती-स्फूर्ति बनी रहती है।


जलने पर, अंग कहीं से कटने पर, अंदरूनी चोटों पर एलोविरा अपने एंटी बैक्टेरिया और एंटी फंगल गुण के कारण घाव को जल्दी भरता है। यह रक्त में शर्करा के स्तर को बनाए रखता है। बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग, पेट की खराबी, जोड़ों का दर्द, त्वचा की खराबी, मुँहासे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्वचा, झुर्रियों, चेहरे के दाग-धब्बों, आँखों के काले घेरों, फटी एडियों के लिए यह लाभप्रद है। इसका गूदा या जैल निकालकर बालों की जड़ों में लगाना चाहिए। बाल काले, घने-लंबे एवं मजबूत होंगे।


इस पौधे की विशेषता यह है की पत्ते को तोड़ने के ठीक तीन घंटे के अन्दर उपयोग कर लेना चाहिए नहीं तो उनमे विद्यमान औषधि + पौष्टिकता के गुण धीरे-धीरे नष्ट हो जाते है | ऍफ़.एल.पी में वैज्ञानिकों की शोध करके इस पौधे के जूस को कुछ जड़ी-बूटी की मदद से इसके जीवन को दो- तिन घंटे से बढाकर चार साल के लिए सुरक्षित कर दिया है | 


एलोवेरा जूस कैसे काम करता है ?
एलोवेरा जेल कम से कम 90 -से 120 दिनों के नियमित सेवन से असाध्य कहे जाने वाली बीमारियाँ में लाभ पा सकते है - जैसे Arthritis, Asthma, Diabeties,Heart Problem, High/Low Blood Pressure,Gastric Problem, Constipation, Obesity, Ulcer, Lack of Energy, Thyroid, Kidney Problem, Back Pains, Survical Problem, Parkinson, Colitis, Amoebas, Stress, Tension, Depression, Cholestrol, Pimples, Ladies Problem during pregnancy, Plus all A to Z Problems और तो और Cancer जैसी खतरनाक बीमारी में भी एलो जेल राहत देती है यानि इसके नियमित सेवन से आप हमेशा के लिए तंदुरुस्त रख सकते है 


आप हैरान होंगे की एक एलोवेरा से करीब 220 प्रकार के बीमारियाँ कैसे ठीक हो जाती है ? इससे पहले हम यह जान ले की हमें बीमारियाँ होती क्यों है ? दरअसल हमें जीवित रहने के लिए हवा, पानी और भोजन की आवश्यकत होती है, पहले के समय इसी के सहारे लोग सैकड़ों वर्षों तक जीवित रहता था क्योंकि पहले वातावरण स्वच्छ था लेकिन आज के वातावरण को देखे तो यह तीनो ही चीजें हमें अशुद्ध मिल रही है | 
दूसरा आज का खान-पान,हमारी जीवन शैली ,आधुनिकता की दौड़ में इतनी बदल चुकी है की हमें अपने लिए ही वक्त नहीं होता |आज समोसा, पिज्जा ,बर्गर,पेप्सी,चाउमीन मतलब फास्ट फ़ूड हमारे आहार में शामिल हो चूका है तथा नियमित व्यायाम करने का समय भी नहीं बचा है तो यही सब कारण मिलकर मनुष्य को अस्वस्थता की ओर ले जाते है |


इसका दूसरा सबसे बढ़िया उपयोग का तरीका है इसकी सब्जी बनाकर खाना | एलोवेरा की सब्जी बनाने का तरीका निम्न है -

1- सबसे पहले एलोवेरा के पत्ते तोड़कर उन्हें साफ़ पानी से धो लें |


2- उसके बाद इन पत्तों को छीलकर इनका गुदा निकल लें व गुदे के टुकड़े काट लें | ध्यान रहें गुदा के टुकड़े काटने के बाद धोयें नहीं |


3- अब कड़ाही में इतना तेल डालकर गर्म करें जितने तेल में आपका एलोवेरा गुदा के टुकड़े तले जा सकें , तेल गर्म होते ही उसमे थोडा जीरा डालकर भुन लें |


4- उसके बाद एलोवेरा का कटा गुदा गर्म तेल में डाल दें व इसे फ्राई करना शुरू कर दें ,आप चाहें तो प्याज भी इसी के साथ फ्राई कर सकते है |


5-एलोवेरा को फ्राई करते समय ही उसमे आवश्यकतानुसार व एलोवेरा की मात्रानुसार मसाले यथा-मिर्च,धनिया,हल्दी,नमक आदि भी डाल दें व पकाते रहे , ध्यान रहे इस सब्जी में पानी बिल्कुल ना डालें | हाँ मसाले डालने से पहले देख लें कि एलोवेरा की जैली पानी की तरह हो गयी हों | जैली के पानी की तरह होने के समय उसका चिपचिपापन ख़त्म हो जाता है |

6 - सब्जी पकने से कुछ पहले लहसुन पीस कर डाल ले और थोडा पकाकर उतार ले | आपकी स्वास्थ्य वर्धक व स्वादिष्ट सब्जी तैयार है |

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